How To Boost Confidence In Introvert Kids? इंट्रोवर्ट व्यक्ति बाहर की दुनिया पर ध्यान देने की बजाए अपने अंदर की सोच और ख़्यालों में खोये रहते हैं। वे ख़ुद के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताना पसंद करते हैं और भीड़ भाड़ से दूर रहते हैं।
इंट्रोवर्ट बच्चों का कैसे करें कॉन्फिडेंस बूस्ट?
इंट्रोवर्ट या अंतर्मुखी बच्चों को शांत माहौल में बैठना या खेलना अच्छा लगता है। उनके कुछ फेवरेट व्यक्ति हो सकते हैं जिनके साथ बात करना या खेलना उन्हें कम्फर्टेबल लगे। वे एक दो लोगों के साथ तो कम्फर्ट फील करते हैं लेकिन ज़्यादा समय भीड़ में नहीं गुज़ार पाते। इन बच्चों का कॉन्फिडेंस अकेले रहने की वजह से कम रह सकता है लेकिन अगर हम इनके सात सेंसिबली डील करें तो कॉन्फिडेंस बूस्ट किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे बढ़ा सकते हैं हम इन बच्चों का कॉन्फिडेंस।
1. उनकी ज़रूरतों को समझें
इंट्रोवर्ट बच्चे के पैरेंट्स होने के नाते आपको यह समझना होगा कि आपके बच्चे को अपना स्पेस और शांति चाहिए, जिससे इन्हें एनर्जी और पॉज़िटिविटी मिलती है। उन्हें बात करने के लिए ज़्यादा लोग नहीं, बल्कि उनकी पसंद के 1-2 लोग इनफ होते हैं। उनको हेल्प करने के लिए पहले उनकी ज़रूरतों को समझना ज़रूरी है।
2. जो आपको अच्छा लगे, वो करो
उन्हें ज़्यादा फ़्रेंड्स बनाने, ज़्यादा लोगों के साथ बात करने या फिर सोशल होने के लिए फ़ोर्स बिलकुल भी ना करें। एक तो आपकी बातों का स्ट्रेस ले सकते हैं दूसरा ख़ुद को दूसरे बच्चों से कम समझने लगेंगे। इस तरह उनका कॉन्फिडेंस बुरी तरह से आहत हो सकता है।
3. जैसे भी हैं, आपको पसंद हैं
अपने इंट्रोवर्ट बच्चे को आप किसी दूसरे एक्स्ट्रोवर्ट बच्चे के साथ कम्पेर ना करें तो ही बेहतर होगा नहीं तो आपके बच्चे में इन्फीरियर काम्प्लेक्स आ सकता है और वह दूसरे लोगों से कभी घुल मिल नहीं पायेगा। उसे बताएँ कि वो जैसा भी हैं, आपको वैसा ही पसंद है।
4. ख़ुद के लिए तो बोलें
इंट्रोवर्ट बच्चे कई बार दूसरे लोगों के सामने कम्फर्ट फील नहीं करते और अपने विचार दूसरों को कॉन्फ़िडेंटी नहीं बता पाते। अपने बच्चे को बताएँ कि उनका अपने लिये बोलना बेहद ज़रूरी है। जहाँ उनकी आवाज़ की ज़रूरत होगी वहाँ कोई दूसरा नहीं बोल सकता। कभी भी हाँ या ना बोलने की सिचुएशन आए तो वे अपना डिसिशन लेकर दूसरों को बताएँ।
5. टीचर को बतायें
स्कूल टीचर को आपके बच्चे के इंट्रोवर्ट होने के बारे में ज़रूर पता होना चाहिए ताकि वे बच्चे को उस हिसाब से डील कर सकें। कई बार जो बच्चे कम बोलते हैं, टीचर्स उनके बारे में यह धारणा बना लेते हैं कि यह बच्चा क्लास में अटेंटिव नहीं है या फिर पढ़ाई में रुचि नहीं ले रहा। अगर उन्हें पता होगा कि बच्चा इंट्रोवर्ट है तो टीचर का बच्चे पर प्रॉपर ध्यान भी रहेगा और ज़रूरत पड़ने पर उसकी हेल्प भी कर पाएँगी।